चंद्रप्रभा वटी के फायदे , उपयोग, सेवन विधि, मूल्य, घटक और नुकसान । Chandraprabha vati ingredients, Uses and Benefits in Hindi.
चंद्रप्रभा वटी ( Chandraprabha Vati in Hindi ) एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका प्रयोग आयुर्वेद में कई वर्षों से किया जा रहा है। यह बहुत ही प्रभावी दवा में से एक है।
चन्द्रप्रभा वटी आयुर्वेद चिकिसा का एक ऐसा अद्भुत एवं गुणकारी योग है जो आज के युग में स्त्री-पुरुष दोनों वर्ग के लिए, किसी भी आयु में उपयोगी एवं लाभकारी सिद्ध होता है।
चंद्रप्रभा वटी मूत्रजननांगी प्रणाली को मजबूत करती है और डायबिटीज मेलिटस, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, पाइल्स, फिस्टुला और ल्यूकोरिया में उपयोगी है। यह एक प्रभावी कायाकल्प के रूप में भी कार्य करता है और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
डॉक्टर की सलाह पर सही मात्रा में लेने से चंद्रप्रभा वटी के कोई नुकसान और साइड इफेक्ट्स नहीं होता है।
नीचे विस्तार से चंद्रप्रभा वटी के फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी दी गई है।
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चंद्रप्रभा वटी के ब्रांड नाम और कीमत Chandraprabha vati Brand Name And Price in Hindi
Brand Name(ब्रांड नेम) | कीमत (Price ) |
---|---|
Patanjali Divya Chandraprabha Vati | 80 Tablet - 85₹ |
Baidyanath Chandraprabha Vati | 80 Tablet - 160₹ |
Dabur Chandraprabha Vati | 80 Tablet - 102₹ |
Zandu Chandraprabha Vati | 40 Tablet - 70₹ |
चंद्रप्रभा वटी के फायदे Chandraprabha vati Benefits in Hindi
चंद्रप्रभा वटी के गुण और फायदे ( Chandraprabha Vati ke fayde ) नीचे दि गई है।
- मूत्र संबंधी संक्रमण (UTI) को कम करने मे बहुत ही कारगर दवा है।
- यह बार बार पेशाब होने की समस्या को कम करता है।
- पुरुषो की प्रजनन अंगो संबंधी समस्याओ के लिए बहोत ही फायदेमंद।
- डायबिटीज में चन्द्रप्रभा वटी फायदेमंद साबित हुआ है।
- शारीरिक क्षमता को बड़वा देता है और थकान को कम करता है।
- मानसिक थकान और तनाव कम करने में मददगार है।
- शरीर से यूरिया और यूरिक एसिड जैसे हानिकारक पदार्थो को बाहर निकालने मे मदद करता है।
- कई प्रकार दर्द कम करने के लिए यह बहुत ही फायदेमंद दवा है|
- यह मासिक संबंधी समस्याओ के लिए कारगर साबित हुआ है।
- चंद्रप्रभा बटी गुर्दे को मजबूत बनाता है।
चंद्रप्रभा वटी के उपयोग Chandraprabha vati Uses in Hindi
चंद्रप्रभा वटी का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में विभिन्न संकेतों के लिए किया जाता है जैसे ( Chandraprabha Vati uses in Hindi )
- विबंध (कब्ज)
- अनाहा (मूत्र और मल के मार्ग में रुकावट के कारण पेट का बढ़ना)
- शुला (कोलिकी दर्द)
- ग्रंथी (सिस्ट)
- पांडु ( एनीमिया)
- कमला (पीलिया)
- Mutrakricchra (Dysuria)
- Ashmari (कैलकुलस)
- अर्श (बवासीर)
- अर्बुडा (ट्यूमर)
- Mutraghata(मूत्र रुकावट)
- अंतर-वृद्धि (हर्निया)
- कटि शुला (निचला पीठ दर्द)
- Kustha ( त्वचा के रोग)
- कंडु (खुजली)
- प्लिहोदरा (तिल्ली का विकार, स्प्लेनोमेगाली से जुड़े जलोदर)
- भगंदरा (फिस्टुला-इन-एनो)
- दंतरोग (दंत रोग)
- नेत्ररोग (नेत्र विकार)
- अरुचि (बेस्वाद)
- मंडाग्नि ( बिगड़ा हुआ पाचन अग्नि)
- स्ट्रिरोग (स्त्री रोग संबंधी विकार)
- अर्तव रुजा (कष्टार्तव)
- शुक्र दोष (वीर्य का खराब होना)
- दौराबल्य (कमजोरी)
चंद्रप्रभा वटी सेवन विधि Chandraprabha vati Dosage in Hindi
चंद्रप्रभा वटी सेवन विधि डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। चंद्रप्रभा वटी हल्का गर्म पानी या दूध के साथ लें सकते है इससे बेहतर फायदे करता है।
वयस्क – 1 ग्राम दिन में दो बार सुबह और शाम लें।
बच्चे (5 वर्ष से अधिक) – 500 ग्राम दिन में दो बार।
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चंद्रप्रभा वटी के घटक Chandraprabha vati Ingredients in Hindi
चंद्रप्रभा वटी के घटक निम्नलिखित टेबल में उपलब्ध कराई गई है।
सामग्री | मात्रा |
---|---|
गुग्गुलु | 96 gm |
शिलाजीत | 96 gm |
शर्करा | 48 gm |
लौहभस्म | 24 gm |
वंशलोचन | 12 gm |
इलायची | 12 gm |
त्वक | 12 gm |
दंती | 12 gm |
पत्रक | 12 gm |
त्रिवृत | 12 gm |
त्रिकटु | 9 gm |
चन्द्रप्रभा | 3 gm |
वचा | 3 gm |
मुस्ता | 3 gm |
गुडूची | 3 gm |
भूनिम्ब | 3 gm |
देवदारु | 3 gm |
अतिविषा | 3 gm |
हरिद्रा | 3 gm |
दारूहरिद्रा | 3 gm |
चित्रक | 3 gm |
धान्यक | 3 gm |
पिप्पलीमूल | 3 gm |
हरीतकी | 3 gm |
विभितकी | 3 gm |
आमलकी | 3 gm |
चव्य | 3 gm |
विडंग | 3 gm |
गज्जपिप्पली | 3 gm |
माक्षिक भस्म | 3 gm |
सज्जीक्षार | 3 gm |
यवक्षार | 3 gm |
सैन्धव लवण | 3 gm |
विडलवण | 3 gm |
सौवर्चलवण | 3 gm |
चंद्रप्रभा वटी के नुकसान Chandraprabha vati Side Effects in Hindi
आयुर्वेदिक होने के कारण चंद्रप्रभा वटी के नुकसान और कोई साइड इफेक्ट नहीं है। हालांकि, साइड इफेक्ट से बचने के लिए, आपको उम्र, शारीरिक बीमारी और बीमारी के प्रभावों के आधार पर डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए।
यह ध्यान में रखने वाली बात है चंद्रप्रभा बटी में आयरन की राख होने के कारण इसके अधिक सेवन से अल्सरेटिव कोलाइटिस, पेट में अल्सर, थैलेसीमिया, पेट में जलन हो सकती है।
चंद्रप्रभा वटी सावधानियां Chandraprabha vati Precautions in Hindi
चंद्रप्रभा वटी का उपयोग करने से पहले, अपने चिकित्सक को अपनी वर्तमान बीमारियों, शारीरिक बीमारियों और उन सभी दवाओं के बारे में बताएं जो आप ले रहे हैं। चिकित्सक के निर्देशानुसार दवा लें और सूचित करें कि आपकी शारीरिक स्थिति बिगड़ रही है या सुधार हो रहा है।
- व्यक्तियों और शारीरिक बीमारियों के मामले में सतर्क रहना महत्वपूर्ण है।
- बच्चों को इसकी थोड़ी मात्रा में ही देना चाहिए। दिन में केवल एक गोली दें।
- गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए, जरूरत पड़ने पर ही इसका सेवन करें।
- अगर आपको इसके किसी भी अवयव से एलर्जी है, तो आपको इसका इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए।
- डायबिटीज के रोगी डॉक्टर से परामर्श ले कर ही चन्द्रप्रभा वटी सेवन करें यदि वो किसी अन्य पद्धति की ईलाज पहले से ही ले रहे है तो वो एक बार अपने चिकित्सक से भी सलाह ले सकते है।
चंद्रप्रभा वटी के कुछ सवाल जवाब Chandraprabha vati FAQ
Q: क्या चंद्रप्रभा वटी को लेना सुरक्षित है?
Ans: चंद्रप्रभा वटी को मौखिक रूप से 500-1000 मिलीग्राम / दिन की खुराक पर 1 – 4 महीने में देने से कोई गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रिया या विषाक्तता के लक्षण नहीं देखी है। चंद्रप्रभा वटी, एक आयुर्वेदिक धातु-हर्बो-खनिज सूत्रीकरण निर्धारित खुराक में प्रशासित होने पर सुरक्षित है।
Q: क्या चंद्रप्रभा वटी (Chandraprabha vati) को प्रेगनेंसी में इस्तेमाल कर सकते हैं?
Ans: प्रेगनेंसी के समय चंद्रप्रभा वटी का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें जिससे आपको किसी तरह की दिक्कत ना हो।
Q: क्या मैं चन्द्रप्रभा वटी खाली पेट ले सकता हूँ ?
Ans: नही, इसके बारे में जानकारी के लिए किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श करे।
Q: चंद्रप्रभा वटी किस काम आती है?
Ans: चंद्रप्रभा वटी मासिक धर्म की समस्याओं जैसे दर्द, ऐंठन आदि को प्रबंधित करने में मदद करती है। यह मांसपेशियों को आराम देता है और पेट में ऐंठन और ऐंठन से राहत देता है।
Q: क्या चंद्रप्रभा वटी पाचन समस्याओं के लिए अच्छी है?
Ans: चंद्रप्रभा वटी एसिडिटी और अपच जैसी पाचन समस्याओं के प्रबंधन में उपयोगी है।
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